तुम गुमशुदगी से रिहा हुई या नहीं?
रिहाई मुझे तुम्हारे ख्वाबों से मिली, गुमशुदगी से नहीं
मैं पहाड़ियों की वादियों में गुम होना चाहती हूँ।
गुम मैं कुछ इस तरह होना चाहती हूं खुद में
कि अगर मैं वादियों में अपना नाम पुकारूं तो मुझे मेरी आवाज भी सुनाई न दे।
तुम्हें मेरी आंखों में कुछ दिखाई दे रहा है?
- तुम्हारी आंखों में तुम्हारी गुमशुदगी दिखाई दे रही है। ये तुम्हें आई फ्लू हो गया है क्या...
तुम भी नहीं समझ पाए। मेरी बातें कोई समझ ही नहीं पाता है।
तुम्हें पता है कि मेरे लिए तुम्हें पढ़ना बहुत मुश्किल होता है। तुम्हें पढ़ने के बाद मेरी हालत इतनी खराब हो जाती है कि किसी और को ये समझाना मुश्किल हो जाता है कि आखिर हुआ क्या है और देखो कोई समझ ही नहीं पाता। तुम्हें पढ़ने वाली ये आंखें लाल इसलिए है क्योंकि तुमने जो दर्द उकेरा है शब्दों में, उन्हें मेरी आंखों ने महसूस किया है।
लेकिन मैंने तुम्हारी आंखों को मेरा लिखा पढ़ने का हक नहीं दिया। फिर क्यों तुम्हारी आंखें खुद में मुझे महसूस कर रही हैं।
यही कारण है कि मैं पहाड़ों की वादियों में गुम हो जाना चाहती हूँ।
जबकि इसके उल्ट विस्लावा सिम्बोर्स्का ने लिखा है कि "आई लाईक बिंग नियर द टॉप ऑफ ए माउंटेन , वन कान्ट गेट लॉस्ट हेयर..."
कोमल कश्यप
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