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Showing posts from November, 2018

तुमने कभी चांद नहीं देखा

शिप्रा समर को अपने घर ले जाती है। दोनों घर पहुँचते हैं। शिप्रा घर पहुँचते ही सीधा अपने कमरे में चली जाती है। समर शिप्रा के घरवालों से नज़रें चुराकर शिप्रा के कमरे की तरफ जा रहा होता है। लेकिन शिप्रा की मम्मी समर को रोकती है और उसका हालचाल लेती है। समर बेटा कैसे हो? शिप्रा ने कहां कहां घुमाया तुम्हें? समर - आंटी जी क्या आप जानती थी कि मैं आया हूँ? शिप्रा की मम्मी - हां, शिप्रा ने बताया था कि तुम आ रहे हो। शिप्रा ने इस बार भी कुछ किया क्या ? समर - { जी आंटी जी उसको जो करना था कर दिखाया } अरे नहीं नहीं आंटी जी शिप्रा तो बहुत ही सीधी साधी लड़की है भला वो ऐसे कैसे कर सकती है। { समर मन ही मन शिप्रा की हरकतों पर नाराज़ होता है } शिप्रा के घर में समर की खातीरदारी के लिए सारा इतंजाम किया होता है लेकिन समर को शिप्रा का किया हुआ मजाक पसंद नहीं आता। रात को खाना खाने के बाद दोनों छत पर यादों का खज़ाना खोलकर बैठ जाते है। थोड़ी देर बाद शिप्रा की मम्मी भी छत पर आ जाती है और वह भी वही पुराना किस्सा छेड़ देती हैं। जिसकी वजह से समर को जाना पड़ा था। समर को वापस आकर अच्छा लगा। समर मन ही मन सोच र...

शहर

फोटो अपने आप में बहुत कुछ कहती हैं। मैेनें बनते हुए शहर को देखा है।

दिल्ली दर्शन -2

दिल्ली की मशहूर जगह यानी सी.पी कनॉट प्लेस 

दिल्ली दर्शन - 1

मुगल गार्डन से आते समय बस स्टेंड के पास ये फूल दिखायी दिये। फूलों की खूबसूरती को एक फोटो में कैद कर लिया था। 

समर पार्ट - 3

शिप्रा - यही बात तो तुम नहीं समझ रहे हो कि ये सब स्कूल की बातें है। हमने जो भी उस समय किया वो बचपना था और मेरी बात ध्यान से सुनो घर पर किसी की बातों का बुरा मत मानना। मैं ये सब ज्यादा देर तक संभाल नहीं पाउंगी। (बातें करते करते दोनों अजमल खान पार्क तक पहुंचते है) समर - लीजिये मैडम पहुँच गए अपने पुराने अड्डे पर। शिप्रा -समर वैसे बुरा मत मानना ये सब कुछ आम हो गया है। समर - तुम क्या समझाना चाहती हो? शिप्रा - मेरी इस फिल्ड में न जाने कितने लोगों से मुलाकात होती है। मिलना मिलाना कोई बड़ी बात नहीं। समर - तुम इतना बदल गई होगी ये मैनें कभी नहीं सोचा था। अब मैं तुम्हारे लिए आम हो गया हुं। तुमने कॉलेज में यहीं सीखा है। शिप्रा - समर तुम गलत मत समझो लेकिन ये सच है। समर - शिप्रा अपना हाथ दिखाना। शिप्रा - तुम एसट्रोलॉजर कब से बन गये ( शिप्रा हंसते हुए ) समर - तुम हाथ दिखाओ तो सही ( समर ने शिप्रा का हाथ अपनी ओर खिंच लिया ) शिप्रा - क्या ढूंढ रहे हो मेरे हाथ में। समर - तुम्हारा हाथ दीवाली पर जल गया था ना बस देख रहा था कि अब कैसा है। शिप्रा - मेरा हाथ 8th क्लास में जला था समर। बस हल्का से निशान रह ग...