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पंखुड़ी गुलाब की



अमृता ~ साहिल दस दिन से देख रही हूं तुम्हें...
बड़ा घमंड आ गया है, एक दो कोड़ी की लड़की के लिए इतना घमंड... चार सालो से हूं तुम्हारे साथ। अच्छे से जानती हूं तुम्हें...और वो भी एक सड़क छाप एक्ट्रेस के लिए...तुम वहीं डिजर्व करते हो।

साहिल ~ तुम भी ना अमृता जानती नहीं मुझे...तुम्हारी सारी कमजोरियों से वाखीफ़ हूं। तुम एक गुलाब हो और गुलाब की पंखुड़ियों को एक एक करके तोड़ना अच्छे से आता हैं। समझी...
अब फोन रक्खो!!

अमृता ~ जस्ट वेट एंड वॉच.

साहिल ~ लिसेन मैडम तुमने भी तो उस... तुम्हारे पास है ही क्या? बस पापा का छोटा सा घर!! अब मुझे अपनी मंज़िल मिल गई है जिसको तुम दो कोड़ी का कह रही हो वो एक मशहूर एक्ट्रेस हैं उसके साथ मुझे नाम और शोहरत सब मिलेगा। जो अब तक पूरा नहीं हुआ अब वो सब पूरा हो जाएगा।

अमृता ~ मैंने तुम्हारे साथ जो ख्वाबों बुने थे उनका क्या.

साहिल ~ वो तुम्हारी परेशानी है मेरे सपने पूरे का वक़्त आ गया है।
{ नया दौर और रिश्तों का विकास }
#Komal
{ यह वो गुलाब है जिसकी पंखुड़ियों को तोड़ने पर आपको भी चोट लग सकती है, फोटो वाला गुलाब स्टील का बना हैं।}

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