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Showing posts from October, 2018

दिल्ली में समर की वापसी पार्ट - 2

समर - कहा हो? तुम तो हमेशा टाइम से पंहुचती हो। आज इतना लेट... शिप्रा - अरे बस लेट हो गयी। समर - लेकिन बता तो देती तुम्हें कॉल कर रहा हूं। तुम कॉल रिसीव क्यूं नहीं कर रहीं? शिप्रा - मोबाइल साइलेंट पर था। समर - तुम इतनी लापरवाह कैसे हो सकती हो। शिप्रा - मगरमच्छ वाली हरकतें गयी नहीं तुम्हारी ... बस पहुँच रही हूँ। (शिप्रा समर से मिलने पहुँच जाती है) समर - आगयी मैडम... शिप्रा - मगरमच्छ 😑 पहले ये बताओ भूले भटके सदर इतने भीड़ भाड़ वाले शहर में कैसे आना हुआ। तुम इतने साल कहा थे? दीवाली की शॉपिंग करने आये हो? समर - तुमने जब मुझे ना कहा था फिर मेरे पास इस सिटी को छोड़कर जाने के अलावा कोई ऑपशन नहीं था। क्या रक्खा है इस शहर में तुम्हारे अलावा 😌 शॉपिंग तो करूंगा तुम्हारे साथ। शिप्रा - फोर इयर्स यार तुम अभी तक वहीं हो... इन चार सालों में बहुत कुछ बदला है। समर - मुंबई में दिल्ली को बसाकर रक्खा है। यानी तुम्हें... तुमने उस दिन जो किया भुला दिया। तुम्हारे बाद मेरा जिगरी दोस्त तुम्हारा भाई जॉय ने भी बात करना छोड़ दिया था। मैं अकेला हो गया था। इस ब्यूटीफुल सिटी में मेरा हार्ट अभी भी धड़कता है। 😘 शिप्रा...

अपने भगवान हम खुद हैं...

मेरा सबसे बड़ा धर्म कर्म सब इंसानियत हैं। कुछ दिनों पहले एक मंदिर के पुजारी से बहस हो गयी। मसला कोई बड़ा नहीं था पुजारी जी ने मसला बड़ा कर दिया था। परिक्रमा एक मंत्र के साथ करनी थी। मैंने भी की, पंडित जी ने पूछा कि आपने कौन सा मंत्र पढ़ा। मैंने उन्हें बता दिया। पंडित जी ने कहा कितना पढ़े हुए हो। मैंने कहा पोस्ट ग्रेजुएशन। पंडित जी कॉलर ऊँचा करके कहने लगे, आप पढ़ लिखकर भी एक मंत्र याद न कर सकी। मैंने मन ही मन सोचा कि मंत्र तो ठीक ही बोला था मुझे उनकी बात कुछ समझ नहीं आयी। उन्होंने विस्तार से बताया कि मंत्र में मैंने कॄष्ण की जगह राम का उच्चारण किया। बस इतनी बात पर कहने लगे कि तभी हिन्दू धर्म खतरे में है। ऐसा लगा मानो ये बात कोई पंडित नहीं नेता कह रहा हो। आज के युवाओं को इन सबसे कुछ लेना देना ही नहीं। मैंने कहा भगवान को हम किसी भी रूप में याद कर सकते हैं। बिना मंदिर आये भी हम भगवान को एक दिन में कई बार याद करते हैं। भगवान एक ही हैं बस नाम कई हैं। इतना कहते ही पंडित जी का दिमाग गर्म हो गया। कहते कि ऐसा नहीं होता। मैं उनसे पूरी तरह असहमत थी। पंडित जी हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं तो क्या ...