Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2020

पहली और आखिरी मुलाकात

तुम्हें जाते हुए पहली बार देखा था। तुम बहुत दूर जा चुके थे। मुझे याद है जब तुमने कहा था कि मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूँ रात काफी हो गयी है। मैंने कहा मैं अकेले चली जाऊंगी।  मेट्रो कार्ड टच किया ही था उसने फिर बोला तुम्हारे साथ मैं भी चलूँ? तुम अकेले कैसे जाओगी।  शाम के 7:30 बज रहे थे। मैंने उसे फिर समझाया क्योंकि मेरे मुताबिक समय ज्यादा नहीं हुआ था पर घर तक पहुँचने में एक घंटे से ज्यादा ही लगना था। मैं एस्कलेटर तक पहुँच चुकी थी। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़रे मुझे ढूंढते ढूंढते मुझ तक पहुँच ही गयी थी। वो मुझे तब तक देखता रहा जब तक मैं ओझल नहीं हुई।  मैं मेट्रो में चढ़ी ही थी 2 सेकंड बाद ही उसका मैसेज आता है। उसने लिखा अच्छा, मैं मेट्रो से अपने हॉस्टल जा रहा हूँ। मैंने कहा तुम अभी तक गए नहीं? हां बस निकल ही रहा था। तुम्हें अकेले नहीं जाने देना चाहिए मुझे भी साथ जाना चाहिए था।  वो अगली ही सुबह ट्रैन से घर जाने वाला था। इसलिए अचानक से बात हुई और अचानक से ही मुलाकात हुई। हम काफी देर तक पार्क में बैठकर बातें कर रहे थे। मेरे पास उससे बात करने के लिए सिर्फ ए...